Saturday, June 29, 2013

सूपरमान नेता

हमारे यहाँ एक नए नेता प्रकट हुए हैं । सूपरमान की तरह हैं इनके कर्तव्य । क्या-क्या नही किया इनहोंने ! अभी दो दिन पहले की ही बात है कि  नेता ने 15000 गुजरती तीर्थयात्रियों को केदारनाथ में हुए बाढ़ से बचाया । जो कार्य हमारी सेना दो सप्ताह में न कर सकी, वह हमारे सूपरमान ने दो दिन में कर दिया । ऐसे महान हैं हमारे अगले प्रधानमंत्री जी । अपने अहमदाबाद से तो इनहोंने भ्रष्टाचार का नामों-निशान हटा दिया । औरगरीबी ? कहाँ की गरीबी भाई? अहमदाबाद गए हो कभी ? वहाँ एक बार जा कर तो देखो, कोई गरीब लोग मिले तो मै अपना नाम बदल डालूं । हमारा गुजरात तो प्रगति का सर्वोत्तम नमूना है । आपने वहाँ के ईमारत नहीं देखे क्या - कितने प्रकार के उद्योग चलते हैं वहां - और सड़कें सब नयी बनी हैं । ऐसा लगे मानो न्यू-यार्क आ पहुँचे । अब अगर आप बोलेंगे कि देखो अहमदाबाद के बाहर कितनी जुग्गी-झोपड़ियां हैं, तो मै आपको क्या बताऊँ ? कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो प्रगति नहीं करना चाहते । सरकार उनसे बोले कि तुम अपना घर दे दो, नौकरी छोड़ दो, हम यहाँ तुम्हारे लिए फैक्ट्री बनायेंगे तो उनके पाले ही नही पड़ता । विरोध प्रदर्शन पर निकल जाते हैं । अब आप ही सोचिए ज़रा, ऐसे लोगों के कारण ही तो हमारा देश निष्क्रिय हो रहा है । इसी लिए तो नेता जी ने मुसलमानों को रद्द करने का प्रयत्न किया था । देश की प्रगति के लिए कुछ लोगों को कुर्बानी तो देनी पड़ती है । लेकिन कोई समझता ही नही । सब लोग बस धर्मनिरपेक्षवाद की बातें करते रहतें हैं । 

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